
90 साल के किसान ने खुद की खेत की जुताई, मैं रुक नहीं सकता
सीहोर। कृषि मंत्री के गृह जिले सीहोर से एक बुजुर्ग किसान का मार्मिक मामला सामने आया है, जिसका खूब वाइरल हो रहा है जिसमे ग्राम तज अमरोद निवासी 90 वर्षीय किसान अमर सिंह खुद जुतकर खेत में परंपरागत तरीके से हकाई करते नजर आ रहे हैं।
अमर सिंह के पास मात्र तीन एकड़ जमीन है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वह न तो ट्रैक्टर और न ही बैलों का उपयोग कर पा रहे हैं ।
ऐसे में उन्होंने देसी जुगाड़ से साइकिल के पहिए से बना हल तैयार किया है, जिससे खुद ही खेत जोतते हैं।वीडियो में अमर सिंह अत्यधिक थके हुए नजर आ रहे उन्होंने बताया, “उनकी बाहें कांपती हैं, पैरों में ताकत नहीं बची, गर्दन भी जवाब देने लगती है... लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है।” किसान की यह हालत कृषि व्यवस्था की योजनाओ की नाकामयाबी की झलक दिखाती है। व उनका बेटा बीमार है और काम करने में असमर्थ है,अब बुज़ुर्ग पत्नी से भी बनती नहीं है बहू ही है जो मदद कर देती है।
परिवार टूटी हुई झोपड़ी में जीवन बसर कर रहा है। सिर्फ खेती से जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। साथ ही किसान का कहना है कि बीते दस वर्षों से सोयाबीन की खेती लगातार प्राकृतिक आपदाओं और खराब बीजों के कारण बरबाद होती रही है, लेकिन उन्हें अब तक एक भी रुपया सरकारी मुआवजे या फसल बीमा के रूप में नहीं मिलाहै।
समाजसेवी एमएस मेवाड़ा ने भी किसानों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में क्षेत्र में बाढ़, सूखा और कीटनाशक दवाओं की खराबी से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं। उन्होंने कहा, “बैंक खाते से फसल बीमा प्रीमियम काट लिया जाता है, लेकिन नुकसान होने पर किसानों को बीमा राशि नहीं मिलती।”
आपको बता दे की यह पूरा मामला खुद राज्य के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र का है। जब मंत्री के अपने क्षेत्र में ही बुज़ुर्ग किसान का हाल ऐसा हैं तो प्रदेश के अन्य जिलों के हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है ?