
गौहरगंज जेल में कैदी की संदिग्ध मौत
कैदी तिलक शाक्य ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है- सहायक जेल अधीक्षक शिल्पकार
कुर्सियॉ खरीदने के लिए 12 हजार नहीं देने पर हत्या की गई है : परिजन
भोपाल / रायसेन जिले की तहसील गौहरगंज में स्थित उप जेल में 1अगस्त 2025 को एक 22 वर्षीय कैदी की संदिग्ध मृत्यु हुई है। सहायक जेल अधीक्षक श्री यशवंत शिल्पकार ने एक समाचार पत्र को बताया कि उप जेल गौहरगंज में 22 वर्षीय बलात्कार एवं पॉस्को एक्ट में सजा काट रहे कैदी ने पाकशाला में फांसी लगा ली है, जेल द्वारा दी गई सूचना अनुसार मृतक अपने लोवर से फांसी का फंदा बनाकर किचन में सिलेंडर पर खड़े होकर फंदे पर झूल गया ,22 वर्षीय मृतक तिलक शाक्य विगत 8 माह से जेल में बंद था तो वही दैनिक स्वराज्य अभियान तथा थाना गौहरगंज पुलिस को सूचना दी गई है कि मृतक ने गैस सिलेंडर के स्टोर रूम में फांसी लगाई है, यह जेल अधिकारी द्वारा दी गई दोनों ही सूचनाऐं आपस में विरोधाभासी हैं इसके अतिक्ति मृतक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि जेल में उनसे रू 12000/- कुर्सियां खरीदने के लिए मांग की गई थी तथा मंडीदीप में पुलिस ने भी लाखों रुपए उनसे रिश्वत में लिए हैं। यह जानकारी मृतक तिलक शाक्य ने जेल में मुलाकात के दौरान परिजनों को दी थी,उसने बताया था कि पैसे नहीं देने पर मारपीट की जा रही थी और उसने यह भी कहा था कि पैसे नहीं दिए तो यह मुझे मार डालेंगे।
सहायक जेल अधीक्षक श्री शिल्पकार की सूचना पर भ्रामक स्थिति निर्मित हो रही है, यदि जेल के किचन में सिलेंडर पर खड़े होकर फांसी लगाना बताया गया है तो वास्तविकता यह है कि जेल की किचन में गैस सिलेंडर होते ही नहीं है और यदि उसने गोदाम में फांसी लगाई है तो उसमें कोई कैदी जाता ही नहीं है और उसकी चाबी डय़ूटी पर तैनात प्रहरी के पास रहती है अर्थात जिस स्टोर में सिलेंडर रखे होते हैं उसकी छत लगभग 6 फीट ही ऊंची है, सिलेंडर के ऊपर चढक़र फांसी लगा पाएगा यह संदेहास्पद है, 6 फीट ऊॅची छत पर फांसी कैसे लगा सकता है क्योकि छत की इतनी उॅचाई ही नहीं है कि सिंलेंडर पर चडऩे के बाद झूल जाय,क्योकि उॅचाई बहुत कम रह जाती है, तो वही दूसरी ओर सिंलिंडर स्टोर की चाबी मृतक के पास कहां से आई, और किसने भेजा? जबकि स्टोर से गैस सप्लाई पाइप के द्वारा रसोई में आती है। और यह ड्यूटी पर तैनात जेल कर्मियों की पूर्णत:अभिरक्षा में होती है और ताला भी वहीं खेालते है।
यह दोनों ही विरोधाभासी तथ्य बताते हैं की सहायक जेल अधीक्षक कुछ न कुछ छुपा रहे हैं। दूसरी ओर परिजनों का आरोप भी यह संकेत करता है कि मृतक के साथ कुछ न कुछ अप्रत्याशित अनहोनी हुई है, जिसमें सहायक जेल अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है। यह घटना दिन के उजाले में उस समय बताई जा रही है जब सभी कैदी और जेल कर्मचारी मौजूद रहते है। सभी कैदियों और जेल कर्मियों के रहते दिन के उजाले में शाम 4 और 5 बजे के बीच फॉसी लगा कर आत्महत्या कर लेना संदेह को और प्रबलता प्रदान करता है। थाना प्रभारी श्री महेन्द्र तांडेकर थाना गौहरगंज ने बताया कि मृतक की रिपोर्ट फोरेंसिक जांच के लिए भेज दी है तथा मजिस्ट्रेरियल जांच हो रही है माननीय न्यायाधीश स्वयं इसका संज्ञान ले रहे हैं। प्रयोगशाला परीक्षण का परिणाम जैसा भी आयेगा उसके आधार पर कानूनी कार्रवाही की जाएगी।