
मंदिर में कोई भी भक्त खास नहीं', VIP दर्शन पर उपभोक्ता आयोग सख्त, लगाया 55 हजार का जुर्माना
मैहर। दरअसल यह शिकायत साल 2022 में की गई थी। जानकारी में आया है कि वीआईपी दर्शन के कारण भोपाल के एक परिवार को मैहर में शारदा माता मंदिर में दर्शन नहीं हो पाए थे, जबकि लगातार वीआईपी दर्शन हो रहे थे, उन्होंने इसका विरोध किया तो कर्मचारियों ने उन्हें अपमानित किया। तथा कहा गया कि दर्शनार्थी वी आई पी परिवार ने मंदिर प्रबंधन को तय शुल्क देकर वाहन पार्किंग की थी। रोपवे का शुल्क भी दिया था। अब भोपाल के जिला उपभोक्ता आयोग ने मंदिर प्रबंधन और रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी को इस परिवार के लिए 55 हजार रुपये का हर्जाना अदा करने का निर्णय दिया है।
आयोग के निर्णय के बाद जानकारी अनूसार भोपाल के ललित कुमार गुप्ता पत्नी, बच्चों और अन्य परिजनों के साथ साल 2021 में मैहर में मां शारदा देवी के दर्शन करने गए थे। वहां उन्होंने 50 रुपये पार्किंग शुल्क दिया। मंदिर तक जाने के लिए रोपवे के लिए पांच टिकटों के लिए 130 रुपये प्रति टिकट की दर से 650 रुपये का भुगतान किया। उनका परिवार लाइन में लगा रहा, लेकिन उनको दो घंटों के बाद भी दर्शन नहीं हो पाए।
भोपाल के इस परिवार ने साल 2022 में शिकायत दर्ज कराई थी कि दामोदर रोपवे के कर्मचारी बिना टिकट वाले वीआईपी लोगों को आनन-फानन में दर्शन कराकर ले आए, जबकि वो लोग कतार में खड़े रहे। इससे आहत होकर उन्होंने 2022 में मां शारदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और दामोदर रोपवे के खिलाफ याचिका दायर करके पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी। भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज व प्रीति मुद्गल की बेंच ने सुनवाई में इसे सेवा में कमी मानते हुए मंदिर प्रबंधन समिति और रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी को परिवार को दर्शन से वंचित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया और 55 हजार रुपयों का हर्जाना लगाया है।
अधिवक्ता संभावना राजपूत ने बताया कि प्रकरण में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था ही आधार बनी है। जिला उपभोक्ता आयोग ने निर्णय में कहा कि किसी भी मंदिर में कोई भी भक्त खास या वीआईपी नहीं होता है। सभी को एक ही श्रेणी में रखकर लाइन में लगाकर मां शारदा का दर्शन कराने का नियम होना चाहिए।