
वेज ब्रियानी।
ब्रियानी भी कभी वेज होती है , सुनने में और पढ़ने पर ऐसा आभास होता है, कि अन्तर्जातीय सम्बन्ध हुआ है वेज का अर्थ है शाकाहारी ,,ब्रियानी लिखते और पढ़ने में व सुनने पर बिना किसी जोर या मेहनत के दिमाग में चावल की ऐसी व्यंजन व प्लेट का चित्र बनता है जिसमें चावल के साथ गोश्त ,,मटन , चिकन के पीस सजे हुए रखे हुए है , तो अब वेज ब्रियानी का क्या मतलब हुआ , एक प्रकार का शाकाहारी लोगो के लिए भ्रम,,, जो दिमाग में डालकर व्यापार पर करने का ही तरीका है की चावल की एक और व्यंजन का अविष्कार किया जाये और अपना व्यापार शुरू करे जनमानस वैसे भी नए नए स्वाद के लिए बेचेंन रहता है और किसी बेरोजगार को काम मिला ,और लोगो को नया स्वाद तो चल पढ़ा धंधा ,और अगर ब्रियानी वेज है तो क्या हुआ और भी अच्छा है,
यह है व्यापार करने का तरीका ग्रहाक को भ्रमित करके व्यपार करना वैसे इसमें कुछ अच्छा ही हुआ है एक नया व्यनजन मिला खाने को ,, जो अब घर घर व गली गली में उपलबध है , जैसे पहले कहा की व्यापर का तरीका ही ऐसा होता है की ग्राहक को भ्रहमित करके लाभ. कामना ,जिस प्राकर का कई फ़ूड कम्पनिया ग्रीन मार्क लगा कर अपना फ़ूड या जूस बेचती है फिर चाहे उनमे एनिमल एसेंस या जिलेटिन मिला हो ग्रहाक कहाँ देखता है उसे तो केवल नाम देखना होता है फ्रेश फ़ूड , फ्रेश जूस भले वो महीना भर पुराना हो पर उसपर तो फ्रेश लिखा है न ,और ग्रीन या ब्लू मार्क लगा दिया गया है बस जनता हो गयी भ्रमित मगर पीने में अच्छा लगता है ,और हम और आप पीकर व खा कर कहते है वह ,,फ्रेश जूस आह !!
इसी प्रकार के कई फ़ूड ऐसे है जो बाहर से आये और भारत में आने पर उनको इस प्रकार से अपनाया मानो नेम वही सरनेम हमारा ,, -जैसे करीना कपूर खान ,कटरीना कैफ कौशल ,मोनिका गाँधी वाड्रा ,आदि आदि ,
मेरा कहने का मतलब है। .-वेज + ब्रियानी = वेज ब्रियानी शाकाहारी , हरे भरे +कबाब =हरे भरे कबाब , पनीर + शाही =शाही पनीर वगैरह वगैरह। असल में भारत में बाहरी देशो से आयी बोली हो भोजन हो या हो पहनावा ,हमारी भारत की संस्कृति में साफ़ देखने को मिलता है, जिसमे खाना खासतौर से ,, हम भारतीओं ने अपने ही ढंग से अपना लिया है ,और हम भारतीय चूँकि किसी भी चीजों को हूबहू नहीं अपनाते उसमे हमारा रंग और रूप व मसाला मिला ही लेते है इस का सबसे बढ़ा उदाहरण भोजन है हमने देश -विदेश के अलग -अलग भोजन को अपने तेल -मसलो व बनाने के पकाने के ढंग से इतना बदल दिया है कि यह लगता ही नहीं की कही बहार से है,,,पर स्वाद है।
--- WRITING BY MADHVI..