
धर्म की चिंता नहीं करें तो संस्कृति कैसे पल्लवित होगी-मुख्यमंत्री
इंदौर -मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति की धरा को हमने सरकार के साथ जोड़ा है। हमने कहा है कि सरकार चलेगी तो धर्म के मार्ग पर चलेगी। कुछ लोग कहते है कि मुख्यमंत्री धर्म की बात करते है। यदि हमने धर्म की चिंता नहीं कि तो संस्कृति कैसे पल्लवित होगी।
परशुराम जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव महू स्थित जानापाव तीर्थ पहुंचे। यहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जानापाव का धार्मिक कारणों से विशेष महत्व है। धनुष के माध्यम से शक्ति का परिचय भगवान परशुराम से जुड़ता है। हम सब जानते है कि सीता स्वयंवर के समय धुनष टूटने पर परशुराम ने क्रोध भी किया, लक्ष्मण को सावधान भी किया, लेकिन भगवान राम पर प्रेम भी लुटाया। उन्होंने अन्याय और अर्धम के खिलाफ हमेशा लड़ाई लडी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति की धरा को हमने सरकार के साथ जोड़ा है। कि सरकार चलेगी तो धर्म के मार्ग पर चलेगी। कुछ लोग कहते है कि मुख्यमंत्री धर्म की बात करते है। यदि हमने धर्म की चिंता नहीं कि तो संस्कृति कैसे पल्लवित होगी। जानापाव की पहाड़ी पर प्रकृति मेहरबान है। यहां से देश की बडी नदियों में से एक चंबल के अलावा छह और नदियां निकलती है। जानापाव को ओर बेहतर तरीके से विकसित किया जायेगा ,जिससे की दुनिया में इसका महत्व बढ़ सकेगा ।
मौके पर उपस्थित विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि जानापाव को अच्छे मार्ग की जरुरत है। हम तीर्थ को धार्मिक पर्यटन के रुप में विकसित कर रहे है। यहां दस करोड़ की लागत से विकास हो चुका है। आध्यात्म की साधना के लिए हम संस्कृत पाठशाला बनाना चाहते है। क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता मिल सके '\