माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा परमार ने सरकार से मांगा जवाब
जबलपुर/ मेघा परमार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला है। माउंट एवरेस्ट सहित विश्व की चार पर्वत चोटी फतह करने के बावजूद विक्रम अवार्ड नहीं दिये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
मेघा परमार से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पैरवी की और बताया कि भावना डेहरिया को अवार्ड दिए जाने का विरोध नहीं है, बल्कि दोनों को समान योग्यता पर अवार्ड मिलना चाहिए।
जस्टिस अमित सेठ की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने निर्देश जारी किए हैं। एकलपीठ ने इस दौरान याचिकाकर्ता को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने निर्देश जारी किए हैं।
याचिकाकर्ता मेघा परमार की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला है। उसके दल में भावना डेहरिया भी शामिल थीं, जो उनके बाद चोटी पर पहुंची थीं। इसके अलावा माउंट कोस्कियस,माउंट किलिमन तथा माउंट एल्ब्रस की चोटी भी उसने भावना से पहले फतह की थी। याचिका के साथ दोनों का टाइमिंग डाटा भी पेश किया गया था। याचिका में राहत चाही गई थी कि योग्यता के अनुसार भावना के साथ उसे भी विक्रम अवॉर्ड प्रदान किया जाना चाहिए था।