EDITOR: Pt. S.K. Bhardwaj

सामाजिक :-ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप

सामाजिक :-ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप

  • August 31, 2025

ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप* बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन जाते थे, तो इस प्रक्रिया के अनुसार संतान भी पैदा हो जाती थी तो उन संतानों को किसी चर्च में छोड़ दिया जाता था।

अब ब्रिटेन की सरकार के सामने यह गम्भीर समस्या हुई कि इन बच्चों का क्या किया जाए तब वहाँ की सरकार ने काँन्वेंट खोले अर्थात् जो बच्चे अनाथ होने के साथ-साथ नाजायज हैं उनके लिए काँन्वेंट बने। उन अनाथ और नाजायज बच्चों को रिश्तों का एहसास कराने के लिए उन्होंने अनाथालयों  में एक फादर एक मदर एक सिस्टर की नियुक्ति कर दी क्योंकि ना तो उन बच्चों का कोई जायज बाप है ना ही माँ है। तो काँन्वेन्ट बना नाजायज बच्चों के लिए जायज। 

इंग्लैंड में पहला काँन्वेंट स्कूल सन्  1609 के आसपास एक चर्च में खोला गया था जिसके ऐतिहासिक तथ्य भी मौजूद हैं और भारत में पहला  काँन्वेंट स्कूल कलकत्ता में सन् 1842 में खोला गया था। परंतु तब हम गुलाम थे और आज तो लाखों की संख्या में काँन्वेंट स्कूल चल रहे हैं। जब कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया, उस समय इसे 'फ्री स्कूलÓ कहा जाता था, मैकाले ने अपने पिता को एक चि_ी लिखी थी बहुत मशहूर चि_ी है।उसमें वो लिखता है कि:

"इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे। इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा।इनको अपने मुहावरे नहीं मालुम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।" उस समय लिखी चि_ी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है ... 

कॉन्वेंट स्कूलों की पोल खोलनी अब जरूरी है क्योंकि इनका मुख्य उदेश्य सिर्फ ईसाईकरण व पाश्चायातीकरण ही है.