मध्यप्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीन मासूमों की सकुशल बरामदगी
मध्यप्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीन मासूमों की सकुशल बरामदगी
विदिशा, सागर और ग्वालियर में तीन अलग-अलग मामलों में शत-प्रतिशत सफलता
भोपाल, 11 दिसंबर 2025। मध्यप्रदेश पुलिस ने एक बार फिर अपनी त्वरित, संवेदनशील और प्रभावी कार्यशैली का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। प्रदेश के विदिशा, ग्वालियर और सागर जिलों में अपहरण एवं गुमशुदगी से जुड़े तीन महत्वपूर्ण मामलों में पुलिस ने रिकॉर्ड समय में सफलता हासिल करते हुए मासूमों को सुरक्षित बरामद किया और परिजनों से मिलाया।
विदिशा — 48 घंटे में 3 वर्षीय मासूम सकुशल बरामद
थाना कोतवाली क्षेत्र से तीन वर्षीय बच्ची के अपहरण की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी के निर्देशन में ऑपरेशन मुस्कान के तहत 8 टीमों का गठन किया गया।
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235+ सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण
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135+ लोगों से पूछताछ
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कई इलाकों में सघन चेकिंग
जांच में ऑटो चालक बृजेश कुशवाहा की भूमिका सामने आई, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों अर्जुन सिंह पाल, हरिबाई, रवि पाल और जितेंद्र पाल को पकड़ा। बच्ची को सौदे के उद्देश्य से अपहरण किए जाने की बात सामने आई। पुलिस ने बच्ची को सकुशल परिजनों को सौंप दिया।
ग्वालियर — डेढ़ वर्षीय बच्चा सुरक्षित मिला
थाना बहोड़ापुर क्षेत्र से डेढ़ वर्षीय रोहित के लापता होने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह के निर्देशन में तत्काल खोजबीन शुरू की गई।
सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र की सक्रियता से पुलिस ने नागदेवता मंदिर, ट्रांसपोर्ट नगर में एक महिला को पकड़ा, जो बच्चा लेकर घूम रही थी। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने बच्चा न होने के कारण उसे उठा लिया था। बच्चे को सकुशल परिवार को सौंप दिया गया।
सागर — 17 वर्ष बाद बेटी की घर वापसी
चौकी मंडीबामोरा क्षेत्र से 11 फरवरी 2008 को लापता हुई 10 वर्षीय बालिका हाल ही में इंस्टाग्राम रील में मंडीबामोरा रेलवे स्टेशन का नाम देखकर अपने गृह क्षेत्र को पहचान पाई। वह अपने पति के साथ चौकी पहुँची, जहां पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए परिवार को बुलाया।
बेटी पहले अपने माता-पिता को नहीं पहचान पाई, लेकिन पिता ने उसके माथे पर पुराने घाव से बेटी की पहचान कर ली।
परिवार ने कहा—
“यह हमारे जीवन का सबसे सुखद पल है।”
संदेश स्पष्ट — सुरक्षित समाज के प्रति प्रतिबद्ध है MP पुलिस
इन तीनों मामलों ने मध्यप्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई, तकनीकी दक्षता और मानवीय संवेदनशीलता को एक बार फिर सिद्ध किया है।
यदि चाहें तो मैं इसका हेडलाइन, टैगलाइन, बाइलाइन, हाइलाइट बॉक्स, या पेज लेआउट स्टाइल भी बना दूँ।