EDITOR: Pt. S.K. Bhardwaj

चावल के दाने बराबर हर साल बढ़ती है शिवलिंग-पिंडी

चावल के दाने बराबर हर साल बढ़ती है शिवलिंग-पिंडी

  • March 13, 2020

मध्यप्रदेश टीकमगढ़ से महज 7 किलोमीटर की दूर पर स्थित कुण्डेष्वर धाम। जहाॅ पर साक्षात विराजमान है भगवान षिव भोलेनाथ। कुण्डेष्वर धाम भगवान षिव का अति प्रचीन मंदिर है। यह पर भगवान भोलेनाथ पिंडी के रूप में प्रकट हुये थे। स्वयं भू-भगवान के इस मंदिर में लोगों की सभी मनोकामनाऐं पूरी होती है। वहीं पिंडी दर्षन कर भोलेनाथ का अभिषेक करने से लंबी आयु का वरदान मिलता है। षिवरात्रि एंव सावन के माह में यहाॅ भक्त-श्रृद्वालुओं का तांता लगा रहता है। 
चावल के दाने बराबर हर साल बढ़ता है शिवलिंग
कुण्डेष्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ पिंडी के रूप में प्रकट हुए थे। यहाॅ के स्थानीय लोगों और पुजारियों की माने तो भगवान भोलेनाथ पिंडी के रूप मंे हर साल चावल के दाने के बराबर निरंतर बढ़ते है। कहा जाता है कि  हजारों सालों पहले यहां पर एक पहाड़ी हुआ करती थी जहां पर खटीक जाति के लोग निवास करते थे, वहीं पर एक महिला ओखली में धान कूट रही थी तभी जमीन से अचानक भारी मात्रा में खून निकलने लगा और महिला घबरा कर ओखली पर मूसल रख लोगों को बुलाने चली गई और जब लोगों ने आकर देखा तो कुंडे के नीचे शिवलिंग प्रकट हुआ था। तभी से इनका नाम कुंडेश्वर भगवान हो गया। शिवलिंग प्रति साल चावल नुमा आकर में बढ़ता है और मोटा भी होता है यह एक पंच मुखी शिवलिंग है जो लोगों के कष्टों को हरता है यहां पर दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्तगण करने आते हैं। सावन सोमवार को तो यहां की छटा ही अद्भुत होती है, श्रावण मास में भोले नाथ का अभिषेक करना विशेष फलकारी माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव की पूजा का कोई बड़ा विधि-विधान नहीं है, यहां बस जल अर्पित करने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।