EDITOR: Pt. S.K. Bhardwaj

 शिक्षा में दिल और दिमाग का संगम जरूरी

 शिक्षा में दिल और दिमाग का संगम जरूरी

  • January 19, 2025

समर्थकों को धन्यवाद देने भारत भ्रमण पर सोनम वांगचुक
 शिक्षा में दिल और दिमाग का संगम जरूरी

मुंबई। सोनम वांगचुक ने कहा 'हमारे शिक्षण संस्थानों में दिमाग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है और दिल के लिए बेहद कम जगह बची है। यही वजह है कि आज लोगों में दूसरों के प्रति दयाभाव, संवेदना कम होती जा रही है।

Sonam Wangchuk Thank You Tour For Supporters In Ladakh Protest Said Heart  Head Combined For Education - Amar Ujala Hindi News Live - Ladakh:समर्थकों  को धन्यवाद देने भारत भ्रमण पर सोनम वांगचुक,'

मशहूर पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक इन दिनों भारत भ्रमण पर हैं। दरअसल वे लद्दाख में किए गए अपने धरना प्रदर्शन का समर्थन करने वाले लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं। इस कड़ी में सोनम वांगचुक फिलहाल कोलकाता पहुंचे हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की, 
सोनम वांगचुक ने कहा कि उनकी कई ट्रेनें कोहरे की वजह से कई-कई घंटे देर से चली हैं। हालांकि जिस ट्रेन से वे गुजरात से मुंबई पहुंचे, वह बिल्कुल सही समय पर स्टेशन पहुंची। उन्होंने कहा कि 'भारतीय रेल इस तरह से भी चलती है और हम सभी लोग मिलकर इसे बेहतर बनाने की कोशिश करे। सोनम ने कहा कि 'हमारे आईआईटी और विभिन्न तकनीकी संस्थान इस मुद्दे पर डिबेट करें कि कोहरे में भी ट्रेनों को कैसे समय पर पहुंचाया जाए और रेलगाड़ियां घंटों की नहीं बल्कि मिनटों की देरी से ही चलें।'

'शिक्षा में दिल और दिमाग का संगम जरूरी'
महाराष्ट्र में सोनम वांगचुक ने वर्धा के महात्मा गांधी नई तालीम संस्थान का दौरा किया। यह संस्थान आनंद निकेतन स्कूल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।  एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए वांगचुक ने शिक्षा व्यवस्था की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 'हमारे शिक्षण संस्थानों में दिमाग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है और दिल के लिए बेहद कम जगह बची है। यही वजह है कि आज लोगों में दूसरों के प्रति दयाभाव, संवेदना कम होती जा रही है।'
उन्होंने कहा  'शिक्षा व्यवस्था में दिल और दिमाग का संगम जरूरी है, तभी बच्चों में विश्वास पैदा होगा। बौद्धिक क्षमता जल्द ही भ्रष्ट हो सकती है और सिर्फ बौद्धिक होना ही काफी नहीं है। मानवीय क्रियाकलापों को सही दिशा देने के लिए एक दयालु दिल भी जरूरी है।'
 उन्होंने कहा कि 'बच्चों की ऊर्जा का अगर इस्तेमाल न हो तो वे हिंसा की तरफ मुड़ जाते हैं और तनाव का शिकार हो जाते हैं।  यही वजह है कि कुछ किशोर बागी स्वभाव के हो जाते हैं।'