EDITOR: Pt. S.K. Bhardwaj

निजी स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले सकती है सरकार

निजी स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले सकती है सरकार

  • September 08, 2019

नई दिल्ली। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन-भत्ते नहीं देने वाले निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि वह उन स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेगी, जो शिक्षकों-कर्मचारियों को आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन-भत्ता नहीं दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने भी सरकार को तत्काल कार्रवाई के लिए हरी झंडी दे दी है। जस्टिस सुरेश कैत ने शिक्षा निदेशक को तत्काल ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। निजी स्कूलों द्वारा शिक्षकों और कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार, वेतन और भत्ता नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि यदि शिक्षकों को समुचित वेतन देने के लिए पैसा नहीं है, तो प्रबंधन को स्कूल को बंद कर देना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के पैसा और संसाधन दोनों है, बेहतर होगा कि सरकार ही इन स्कूलों का प्रबंधन देखे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने कहा कि सरकारी स्कूलों की स्थिति भी बेहतर हो रही है। हाईकोर्ट ने यह आदेश संस्कृति स्कूल के शिक्षकों की ओर से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन व भत्ता की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान शिक्षा निदेशक बिनय भूषण भी हाईकोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले, सरकार की ओर से वकील संतोष त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में शिक्षा निदेशक को जारी आदेश की प्रति पेश की। इसमें शिक्षा निदेशक से उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है जो शिक्षकों व कर्मचारियों को 7वें वेतनमान नहीं दे रहे हैं। धारा 24 के तहत शिक्षा निदेशक के पास निजी स्कूलों की जांच करने, मान्यता समाप्त करने और स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में लेने का अधिकार है। हाईकोर्ट, ने शिक्षा निदेशक को निजी रूप से पेश होकर यह बताने के लिए कहा था कि जो स्कूल 7वें वेतन आयोग को लागू नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कोई स्कूल वेतनमान को लागू नहीं करता है तो सरकार उनका प्रबंधन अपने हाथ में लेने की कार्रवाई कर सकती है।