EDITOR: Pt. S.K. Bhardwaj

काम प्रशंसनीय रहा और वो  भी बिना किसी आलस के।

काम प्रशंसनीय रहा और वो  भी बिना किसी आलस के।

  • March 06, 2025

Bhopal Witnesses Beautification, Redevelopment Work Before GIS

भोपाल में हाल ही में हुए जिस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव की सरकार ने वर्षों से पड़े फटे हल रोड, पुरानी इमारत की सूरत कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपए खर्च करके बदल दी है जिसकी कभी कल्पना ही नहीं हुई थी।  ना ही कभी भोपाल वासियों ने ऐसे चमचमाती भोपाल की कभी कल्पना भी की थी। न हीं पुताई ,लाइट ,रंगाई , सफाई मुस्तादी से काम करते कर्मचारी जिस के कारण उन कर्मचारियों ने भी काम किया होगा जिन्होंने वर्षों से कोई काम ही नहीं किया होगा। सफाई अमले  का काम प्रशंसनीय रहा और वो  भी बिना किसी आलस के।

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परंतु देखना यह है कि यह चुस्ती और फुर्ती  कर्मचारीयो  को अपने काम के प्रति लगन कब तक देखने को मिलती है जिस प्रकार GIS के समय अधिकारी कर्मचारी विशेष उत्साह से काम  लिया और उन पर दबाव बनाकर काम कराया गया क्या आगे भी इसी प्रकार होता रहेगा या यह केवल चार दिन की चांदनी है?

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चुकी शहर वासियों को भी आदत तभी पड़ेगी ऐसे वातावरण की और वह भी अपनी जिम्मेदारी तभी समझेंगे जब कर्मचारी गण अपना काम जिम्मेदारी से करेंगे यदि अधिकारी और अफसर अपनी जिम्मेदारी समझ कर कर्मचारियों से इसी मुश्तैदी  से काम करेंगे जिस प्रकार सफाई और मेंटेनेंस का काम GIS के समय कराया था तो हालात इतने बुरे नहीं होंगे व खर्चा भी ज्यादा नहीं होगा क्योंकि मेंटेनेंस में तो खर्चा बनाने के मुकाबले कम ही पड़ता है और भोपाल, मध्य प्रदेश तथा भारत देश स्वस्थ और स्वच्छ बनने में सफलता पा सकेगा शासन में बैठे हुए लोग चाहे तो नहीं तो चलता रहेगा जैसा चल रहा है। 
करोड़ों रुपए लगाकर पुरानी इमारत को वापस अपने स्वरूप में लाना और सफाई सड़क व्यवस्था करना आसान काम नहीं जो बार-बार हो , तो उससे अच्छा है कि जो हो गया है उसे व्यर्थ न जाने देते हुए उसी को समय-समय पर देखभाल करते हुए और गुणवत्तापूर्ण कार्य करते हुए बनाए रखा जाए भ्रष्टाचारी और कभी ना खत्म होने वाली नोटों की भूख पर शिकंजा कसा जाए।