
संसद के शीत-कालीन सत्र में पेश होगा चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा देने वाला विधेयक
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डाक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा देने वाले विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया है। उम्मीद है कि इसे संसद के शीत-कालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। इस ड्राफ्ट में चिकित्सा कर्मियों से मारपीट करने या अस्पताल की संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर कड़ी सजा और जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं।
कोई व्यक्ति अगर किसी चिकित्सक या अस्पताल के अन्य कर्मचारी से मारपीट करता है या तोड़फोड़ करता है तो उसे दस तक की सजा और दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है। केंद्र सरकार ने मेडिकल कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित एक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस विधेयक को संसद के शीत कालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इस ड्राफ्ट पर 30 तक आम लोगों के सुझाव मांगे गए हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में डॉक्टरों पर लगातार हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में डाक्टर के साथ की गई मारपीट को लेकर पूरे देश के चिकित्सकों ने हड़ताल किया था। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में एक अस्पताल में मारपीट को लेकर पूरे देश में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने वादा किया था कि डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा कानून जल्द लाया जाएगा। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई चिकित्सा संस्थान में तोड़फोड करता है, मेडिकल कर्मी को धमकाता है या हिंसक गतिविधि को बढ़ावा देता है तो इस जुर्म के लिए उसे पांच साल तक की जेल हो सकती है। अगर कोई शख्स चिकित्सा संस्थान में किसी मेडिकल कर्मी पर हमला करता है तो नए प्रस्तावित कानून के तहत उसे 10 साल की कैद हो सकती है। इसी मामले में जुर्माने की रकम 10 लाख रुपए तक रखी गई है। मेडिकल कर्मी पर हमलों और चिकित्सा संस्थान संबंधी सभी अपराध गैरजमानती होंगे। इसके साथ ही ऐसे अपराध की जांच डीएसपी रैंक से ऊपर के अधिकारी ही करेंगे। साथ में पुलिस इसमें बिना वॉरंट भी आरोपी को अरेस्ट कर सकती है। नए प्रस्तावित कानून में मेडिकल कर्मी को तोड़फोड़ की स्थिति में बाजार की कीमत से दोगुना मुआवजा देना होगा। जरूरत पड़ी तो इसे दोषी की कुर्की-जब्ती से भी वसूला जाएगा।